मुसलमानो में मेहर का क्या तात्पर्य है
प्रश्न 76-मुस्लिम विवाह की दो विशेषताएं बताइए।
उत्तर-मुस्लिम बिआह की दो मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं…
(1) मुस्लिम विवाह एक सामाजिक समझौता है।
(2) मुस्लिम विवाह के मुख्य उद्देश्य हैँ…परिवार का निर्माण, सन्तानोत्पति तथा बच्चों कौ 'सामाजिक स्थिति प्रदान करना।
प्रश्न 77- मुस्लिम विवाह विच्छेद ( तीन तलाक ) से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-मुस्लिम समाज में विवाह को समाप्त करने का एक रूप तीन तलाक है। इसके अन्तर्गहुं पारम्परिक रूप से पति द्वारा तीन वार तलाक कहने के बाद विवाह को समाप्त समझा जाता ।
प्रश्न 78…-मुसलमानों में मेहर का क्या तात्पर्य है?
उत्तर-मुस्लिम विवाह या निकाह में 'मेहर' का महत्वपूर्ण स्थान है। बिना 'मेहर' तय हुए मुस्लिम विवाह क्रो पूर्ण मान्यता प्राप्त नहीं होती। अब प्ररन उठता है कि मेहर से क्या तात्पर्य है? इसका प्रयोजनृ क्या है? मेहर एक मूर्व-निर्धारित धनराशि होती है जौ निकाह के लिए पति द्वारा पत्सी को दी जाती है। सामान्य रूप से मेहर का मसला निकाह से पूर्व ही तय हो जाता है परन्तु यदि किन्हीं परिस्थितियोंक्श मेहर निकाह से पूर्व तय नहीं होती तो वह निकाह के समय भी काजी या न्यायाघीश द्वारा निर्धारित हो सकती है।
प्रश्न 79-ईंसाई विवाह से क्या आशय है?
उत्तर-उत्तर मारत के संयुक्त चर्च के अनुसार, "ईसाई विवाह स्वी-पुरुष के मध्य एक ऐसा समझौता है, जिसकी समयावधि सम्पूर्ण जीवन रहती है तथा इसका मुख्य उद्देश्य यौन सम्बन्ध, पारस्परिक संसर्ग तथा परिवार की स्थापना होता है।"
प्रश्न 80…-ईंसाइयों में विवाह के दो प्रमुख उद्देश्य बताइए।
उत्तर-ईसाइयों में विवाह के दो प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैँ
(1) यौन सन्तुष्टि-ईंसाई विवाह का एक मुख्य उद्देश्य स्वी-पुरुष क्री यौन…सन्तुष्टि क्रो मान्यता प्रदान करना है। इस प्रकार विवाह यौन-स्रन्तुष्टि प्रदान करके स्वी-पुरुष को व्यभिचार, अनैतिकता तथा यौन-मनोविकृति से बचाता है।
(2) परिवार की रशापना-ईंस्राई विवाह का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य समाज-स्वीकृत तरीके से विवाह के माध्यम से परिवार की स्थापना करना है। ईसाई धर्म में परिवार को समाज तथा चर्च की मूल इकाई के रूप मेँ स्वीकार किंवा जाता है।